"ईद की पूर्व-सन्ध्या पर"

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"ईद की हर शोख़ अदा, बोल रही है!  रंग भी ये ज़िन्दगी के, घोल रही है!!   छलका  दे ऐ  ईद , निगाहों से गुलाबी!  मदहोशियों की रग में, तरी डोल ...

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